संदेश

जननी । सूर्य कांत त्रिपाठी निराला

हो गई है पीर पर्वत ।दुष्यंत

अब तो पथ यही । दुष्यंत

हम पंछी उन्मुक्त गगन के । शिवमंगल सिंह सुमन

पुलिस महिमा ।काका हाथरसी

कॉलेज स्टूडेंट । काका हाथरसी

विहारीजी

कर्मवीर । अयोध्या सिंह हरिऔध

विचित्र बातें । अयोध्या सिंह हरिऔध

निराशावादी । रामधारी सिंह दिनकर

विलिप्त गीत । रांमधारी सिंह दिनकर

एक पत्। रामधारी सिंह दिनकरर

तुम ही नहीं जले। गोपालदास नीरज

श्रीराम। तुलसीदासजी

मातृभाषा। भारतेंदु हरिश्चंद्र

मैंने आहुति बनकर देखा। अज्ञेयजी

क्या खोया । अटलजी

ऊँचाई ।अटलजी

शिवाजी। भूषण

मैं तूफानों में चलने का आदि हूँ।गोपालदास नीरज

वह देश कौन सा है। रामनरेश त्रिपाठी

तुम समझ न पाओगे । हरिवंश राय बच्चन

मैं नीर भरी दुःख की बदली :महादेवी वर्मा